धनबाद: IIT ISM व MPL के बीच MOU, उद्यमशीलता, उद्यमिता विकास और कौशल वृद्धि पर करेंगे काम 

झारखंड में स्थायी उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने तथा इस बावत रणनीतिक बनाने के लिए एमपीएल और आइआइटी आइएसएम धनबाद ने आज तीन वर्ष के लिए (MOU) पर साइन किया। समझौता पर आइआइटी आइएसएम धनबाद के निदेशक राजीव शेखर तथा एमएमपीएल के सीईओ एवं चीफ स्टर्न रिजन जेनरेशन विजयंत रंजन ने किया। 

धनबाद: IIT ISM व MPL के बीच MOU, उद्यमशीलता, उद्यमिता विकास और कौशल वृद्धि पर करेंगे काम 

धनबाद। झारखंड में स्थायी उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने तथा इस बावत रणनीतिक बनाने के लिए एमपीएल और आइआइटी आइएसएम धनबाद ने आज तीन वर्ष के लिए (MOU) पर साइन किया। समझौता पर आइआइटी आइएसएम धनबाद के निदेशक राजीव शेखर तथा एमएमपीएल के सीईओ एवं चीफ स्टर्न रिजन जेनरेशन विजयंत रंजन ने किया। 

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एमपीएल और आइआइटी आइएसएम धनबाद का उक्त समझौता यह रचनात्मक उद्यमिता को बढ़ावा देने में मददगार होगी। आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में भी कारगर साबित होगा। मैथन पावर लिमिटेड( एमपीएल) टाटा पावर एवं डीवीसी का संयुक्त उपक्रम है। यहां 1050 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।समझौता ज्ञापन का मूल उद्देश्य उद्यमशीलता की सोच ,जानकारी एवं  नए स्टार्टअप को बढ़ावा देना है ताकि अधिक से अधिक युवाओं को उद्यमी कैरियर की ओर उन्मुक्त किया जा सके। इस बाबत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से उद्यमशीलता, उद्यमिता विकास और कौशल वृद्धि पर काम करेंगे। इसके लिए विभिन्न माध्यमों से युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।अन्य संस्थानों को इसके लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और उसे मजबूत करने में कामयाबी मिले।

आइआइटी आइएसएम धनबाद के निदेशक प्रो.राजीव शेखर ने कहा कि एमपीएल के साथ हाथ मिलाते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। उधमिता के द्वारा रोजगार सृजन होगा। इसके प्रोडक्ट के माध्यम से झारखंड को एक अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह समझौता उद्यमिता के द्वारा रोजगार दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।एमपीएल के  विजयंत रंजन ने कहा हम मूल्य आधारित शिक्षण-प्रशिक्षण देने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह साझेदारी निश्चित रुप से उद्यमिता के क्षेत्र में सकारात्मक वातावरण बनाने में कारगर होगा और झारखंड के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

सीइओ रंजन ने कहा कि झारखंड स्टार्ट-अप के लिए बहुत ही उपयुक्त है । देश के खनिज संसाधनों में 40% योगदान के साथ ही झारखंड में आत्मनिर्भर भारत अभियान को साकार करने और उद्यमशीलता के क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता है। उद्यमशीलता में आयात प्रतिस्थापन पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा वहीं झारखंड में रोजगार के असंख्य अवसर भी पैदा होंगे। हमलोग उत्साही ग्रामीण युवाओं की पहचान करेंगे। उत्पादों की तकनीक के साथ उनकी मदद करेंगे।  एंटरप्रेन्योरियल सपोर्ट इकोसिस्टम उन्हें आत्मविश्वास के साथ अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने के लिए आवश्यक तकनीकी और उद्यमशीलता कौशल से लैस करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान तथा आने वाले समय में ऐसे क्रियाकलापों का पोषण जरूरी है जो कौशल ज्ञान के बूते संकटों और बड़ी आपदाओं का सामना करने में सक्षम हो। कोरोना महामारी ने बड़ी सीख दी है कि कैसे वित्तीय आपात स्थितियों से लोगों को दो-चार होना पड़ा।ऐसे में यह कार्यक्रम इन आपात परिस्थितियों से निकलने में मददगार होगा।सीएसआर हेड संदीप खेडवाल ने कहा कि इस एमओए का उद्देय दो साल में कम से कम 10 उद्योग चालू कराना है । उद्योग स्थापित करने के लिए आसान एवं सरल तरीके से लोन मिले इसके लिए संयुक्त रुप से प्रयास होगा।
मौके पर आईआईटी आईएसएम धनबाद के डॉक्टर शशांक बंसल सहायक प्राध्यापक मैनेजमेंट स्टडीज विभाग, प्रो. सागर पाल डीन आरएण्डडी, प्रोफेसर एजाज अहमद कोऑर्डिनेटर आरएंडडी (एसआरआईसी) तथा एमपीएल अफसर अजय कुमार, शेखर मिश्रा एवं रश्मि लकरा मुख्य रुप से उपस्थित थे।